कुशीनगर का नाम सुनते ही गौतम बुद्ध की प्रतिमा आती है। कुशीनगर प्राचीन भारत में कुशीनारा नाम का एक प्रमुख जनपद थाए घूमने के लिए यह जगह बहुत ही मनमोहक है गौतम बुद्ध ने प्रकृति के बीच जाकर समाधि ली। कुशीनगर में बुद्ध पूर्णिमा से 1 माह तक का मेला लगता हैए इसमें अनेक राष्ट्रों के लोग होते हैं आप जब कुशीनगर जाएंगे तो आपको अनेक राष्ट्रों के बुद्ध मंदिर देखने को मिलेंगे। इतने छोटे जगह पर इतने राष्ट्रों को इकट्ठा देख कोई अचरज नहीं क्योंकि वह सभी राष्ट्र बुद्ध को मानने वाले हैं। मैत्रैय परियोजना के बारे में तो सुना होगाए इसके तहत गौतम बुद्ध की एक 500 फुट ऊंची प्रतिमा लगेगी जिसमें अन्य बुद्ध राष्ट्र होंगे। वहां के स्तूपए मठ मंदिर और ऐतिहासिक धरोहर आपको काफी आकर्षित करेंगे। कुशीनगर में आपको काफी ऐसी चीजें दिखेंगी जो खुदाई से प्राप्त हुई है जिसे देखकर आप खुद बुद्ध के जीवन को महसूस करेंगे। यहां सबसे प्रमुख जगह मां भवानी का मंदिर है जो हिरणकश्यप नदी के किनारे हैंए यह मां भवानी कुसिनारा के मल राजाओं की कुलदेवी थी और इसी नदी के किनारे गौतम बुद्ध का अंतिम संस्कार हुआ था।
कुशीनगर गोरखपुर से 53 किलोमीटर दूर कसया के बगल में है।