वर्कला का मतलब तो नहीं पता पर तिरुवनन्तपुरम, केरल के क्षेत्र में बसा एक छोटा सा क़स्बा। जब मै वहाँ जा रही थी तो मुझे एहसास भी नहीं था कि धरती पर कश्मीर के अलावा भी स्वर्ग है। मै रात के 1 बजे तिरूवनन्त हवाई अड्डा पहुॅंची, फिर वहॉं से एक किराये की कार लेकर सुबह के 3 बजे जनवरी के महीने में अपने वर्कला के होटल पहुंची। मुझे होटल पहुँचते ही बहुत मनमोहक सा और एक भीनी सी खुशबु महसूस हो रही थी। होटल के पीछे का दरवाजा समुद्र के तट पर ही खुलता है। सुबह के 5 बजे जब में समुद्र के तट पर पहुंची तो ऐसा लगा की समुद्र की लहरें बाहें फैलाकर मेरा स्वागत कर रही हो। सूरज की लालिमा लहरों से छनते हुए मुझ तक पहुॅंच रही थीए साथ ही ठंडी हवा के झोंके रह रह कर अपने वजूद का एहसास दिला रहे थे। वहाँ की हरियाली और साफ दिखने वाले बादल जो हमें दिल्ली में देखने को नहीं मिलते। मैने वहीं अदरक और शहद की चाय पी और जब मै चट्टानों से उतरते हुये तट के निकट जाने लगी तो मुझे बहुत सारे बाहर देशों के नागरिक मिले कुछ लोग योग कर रहे थे तो कुछ उन लहरों के साथ खेल रहे थे, तो कुछ जैसे बातें कर रहे थे। मैंने भी लहरों से खूब सारी बातें की उनसे उनकी तरह शक्ति मांगी। तट पर जब खड़ी होकर जब समुद्र की ओर देखा तो समुद्र बिलकुल अंतहीन दिखा। समुद्र की किनारे चट्टानों के ऊपर बहुत सारी दुकाने अलग अलग देशों के व्यंजन खाने के मिलेंगे। मांसाहारी लोगो को बहुत तरह की मछलियां मिलेंगी।
वहाँ की हर शाम निराली है मै वहाँ किसी अलग दुनिया में थी। वहाँ हर शाम सांस्कृतिक नृत्य होते है जो वहाँ के सांस्कृतिक धरोहर की खूबसूरती को प्रस्तुत करती है। वहाँ की सड़के बहुत स्वच्छ ओर साफ। वहाँ घूमने के लिए अनेक जगह है। हेली पैड जहाँ आप गाड़ी खड़ी कर वहाँ मनोरंजन कर सकते है। जनार्दन स्वामी का मंदिर यह एक प्राचीन और सिद्ध मंदिर है। दुर्गा मंदिर , शिवगिरि मठ एक अलग तरह का सुकून है। वहाँ समुद्र के किनारेआपको बहुत सारे बॉडी मासाज सेंटर और योग सेंटर मिलेंगे जो मुख्यतः विदेशियों के लिए आकर्षण का केंद्र है, वहॉं कुछ योग सेंटर जो योग का सर्ठिफिकेट कोर्स भी करवाते है और काफी विदेशी वहॉं आपको वहॉं कक्षा में बैठे हुए दिख जायेंगे। समुंदर किनारे विदेशियों ने किराये पर घर ले रखें हैं, जिनमें से काफी वहॉं 6 महीने से रह रहे थे। मुझे वहाँ बहुत सारे विदेशी दिखे जो भारतीय परिधान में साईकिल चलते हुऐ पुरे वर्कला की सैर कर रहे थे। वर्कला की खूबसूरती को देखते हुये इसे भगवान का देश गॉडस ओन कंट्री का नाम दिया गया है। जब मैं दोपहर को वर्कला शहर घूमने निकली तो मैने देखा छोटी-छोटी झोपड़ी में केरल के पारंपरिक खाने दिखे, मैने काफी फोटो लिये और वहॉं के पारंपरिक भोजन भी खाये।
वर्कला जाने का रास्ता बहुत आसान है तिरुवनन्तपुरम किसी भी रास्ते हवाई जहाज या ट्रेन के रास्ते पहुंच कर आप टैक्सी ले सकते है। हालांकि वहाँ से वर्कला की दुरी सड़क मार्ग से ४२ किलोमीटर है। अपनी गाड़ी से २ घंटे लगते है। आप कर किराये पर लेकर खुद चला कर के रास्ते वर्कला पहुँच सकते है। रास्ते में सड़क पर चादर बिछा कर छोटेण्छोटे दुकान मसाले बेचते हुये दिख जायेंगे।
वहाँ पर हर दाम के होटल मिलेंगे। यहाँ तक की अगर आप १ महीने रहना चाहते है तो किराये पर घर भी मिलेंगे। समुद्र तट के सामने का होटल जहाँ से समुद्र की लहरें साफ साफ दिखाई देती। यह दुनिया के बहुत सारे स्वर्गों में से एक है।